पथिक, न घबरा जाना, पहले मान करेगी मधà¥à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¥¤à¥¤à¥§à¥©à¥¤
तारक-मणि-मंडित चादर दे मोल धरा लेती हाला,
इस समाज †††में औरत को कोई ढंग की इजत दे ना पाया.. कà¥à¤› दरिदों ने तो हरिदगी का अपने सिर पर सेहरा है सजाया.
नई किताबों और ऑफरà¥à¤¸ की सूचना के लिठसबसà¥à¤•à¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¬ करें।
à¤à¤• बार ही लगती बाज़ी, जलती दीपों की माला,
वेदिवहित यह रसà¥à¤® न छोड़ो वेदों के ठेकेदारों,
à¤à¤• बरस में, à¤à¤• बार ही जगती होली की जà¥à¤µà¤¾à¤²à¤¾,
मोबाइल का उपयोग सिरà¥à¤« फोन लगाने सेलà¥à¤«à¥€ खिचने के लिठनहीं बलà¥à¤•à¤¿ read more अपने समाज †††को जागरूत करने के लिठà¤à¥€ करे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि मिडीया अपनी नही है....
कà¥à¤·à¥€à¤£, कà¥à¤·à¥à¤¦à¥à¤°, कà¥à¤·à¤£à¤à¤‚गà¥à¤°, दà¥à¤°à¥à¤¬à¤² मानव मिटटी का पà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¾,
जीवन पाकर मानव पीकर मसà¥à¤¤ रहे, इस कारण ही,
बड़ी पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€, बड़ी नशीली नितà¥à¤¯ ढला जाती हाला,
बिना पिये जो मधà¥à¤¶à¤¾à¤²à¤¾ को बà¥à¤°à¤¾ कहे, वह मतवाला,
जलने से à¤à¤¯à¤à¥€à¤¤ न जो हो, आठमेरी मधà¥à¤¶à¤¾à¤²à¤¾à¥¤à¥¤à¥§à¥«à¥¤